मुहब्ब्त नही मिलती
माँगने से मुहब्ब्त नही मिलती, फरियाद करने से दुआ नही मिलती. याद करें क्यों उनको हम. जिनसे हमारी तकदीर नही बनती.
माँगने से मुहब्ब्त नही मिलती, फरियाद करने से दुआ नही मिलती. याद करें क्यों उनको हम. जिनसे हमारी तकदीर नही बनती.
बचपन में चाचा चौधरी, बिल्लु-पिंकी, पराग, नंदन, लोटपोट, मधु मुस्कान आदि पढ़ते पढ़ते एस सी बेदी कृत ‘राजन इकबाल’ सीरिज के बाल उपन्यास पढने शुरु किये थे. तभी से क्राइम, मर्डर, जासुसी उपन्यासों की ओर झुकाव हो गया. उस समय क्राइम, मर्डर, जासुसी उपन्यास लिखने वाले कुछ प्रसिद्ध नाम थे वेद प्रकाश कम्बोज, कर्नल रंजीत,…
तुम्हारे लबों की लाली , तुम्हारे गालों की सुर्खियां, तुम्हारे आँखों की नमी, तुम्हारे अश्कों की गर्माहट, तुम्हारी आवाज की लरज, कुछ भी तो नहीं बदला, बदला है तो सिर्फ… मेरे देखने का अंदाज़।।
सुखे दरख्त की गुमनाम छाँव सा। मेरी मुहब्बत का निशाँ बाकी आज भी है।। पुरानी किताब के पीले पन्नो सा। उसकी यादों का रंग मेरे वजूद पर आज भी है॥ बारिश से धुले कागज पर स्याही के निशाँ सा। उसका वो अक्स याद आज भी है॥ धुंध में लिपटे सुरज की गर्मी सा। उसकी साँसों…
It’s OK to keep chanting Ahimsa Parmo Dharma, but it’s NOT OK to give two extra days of life to a few animals. It’s OK to call the hanging of a terrorist ‘inhuman’ but it’s NOT OK to give two days extra life to a few innocent animals. To give the life of self is…
मोदी जी सारी योजना बंद कर दो। सिफ॔ सांसद भवन जैसी कैंटीन हर दस किलोमीटर पर खुलवा दो। 29 रूपये र्मे भर पेट खाना मिलेगा। सारे लफडे ख़त्म। 80% लोगो को घर चलाने का लफडा खतम। ना सिलेंडर लाना ना राशन और घर वाली भी खूश। चारो तरफ खुशियाँ ही रहेगी। फिर हम कहेंगे सब…
मेरे आगोश में सिमट सी जाती है। नम पलकों से कुछ कह सी जाती है।। हौले हौले गीत जुदाई के गुनगुनाती है। हर रात मेरी तन्हाई दुल्हन सी सज जाती है।
भूल जाऊँ तुझे कैसे। जिंदगी के हर लम्हे में तेरी याद जो है।। याद न कर पाऊं तुझे कैसे। साँसों के हर कतरे में तेरा नाम जो है।। सफर अधूरा छोड़ जाऊं कैसे। मंजिल न सही, रास्ते का सहारा तू जो है।। ग़मों में खो जाऊँ कैसे। अंधेरों में भी तेरी तस्वीर की लौ जो…
वो उठती-गिरती पलकें तेरी, इनकी भाषा पढ़ न पाएं हम। प्रेम की मौन स्वीकृति तेरी, इसको समझ न पाएं हम।।